क्या आपने नील आर्मस्ट्रांग का नाम सुना है? जी हां! यह वही अंतरिक्ष यात्री हैं; जिन्होंने चांद पर सबसे पहले कदम रखा। लेकिन, क्या आप जानते हैं? इनके पश्चात ऐसे कौन-कौन से अंतरिक्ष यात्री हैं; जिन्होंने चांद पर कदम रखा है? अगर नहीं, तो आज की यह पोस्ट आपको चांद पर कदम रखने वाले अंतरिक्ष यात्रियों के बारे में संपूर्ण जानकारी दे रही है।
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चांद पर कदम रखने वाले अंतरिक्ष यात्रियों की जानकारी एवं सूची |
आज इंसान को चांद पर कदम रखे 50 साल से भी अधिक का समय बीत चुका है। हजारों कोशिशों के बाद किसी इंसान ने पहली बार चांद पर कदम रखा और वह इंसान था - नील आर्मस्ट्रांग। नील आर्मस्ट्रांग ने मिशन अपोलो के दौरान चांद पर कदम रखा था। जिसके पश्चात मनुष्य में अंतरिक्ष के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने की जिज्ञासा उत्पन्न हुई। नील आर्मस्ट्रांग के बाद चांद पर कई लोगों ने कदम रखा। खैर,आगे आर्टिकल में हम इसके बारे में विस्तार से जानने वाले हैं। आइए सर्वप्रथम आपके सामने प्रस्तुत करते हैं; चांद पर कदम रखने वाले अंतरिक्ष यात्रियों की सूची।
चांद पर कदम रखने वाले अंतरिक्ष यात्रियों की सूची
दोस्तों अपोलो मिशन के तहत चांद पर 12 अंतरिक्ष यात्रियों ने कदम रखा। जिनकी सूची हम नीचे आपके सामने प्रस्तुत कर रहे हैं।
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चांद पर कदम रखने वाले अंतरिक्ष यात्रियों की सूची |
चांद पर कदम रखने वाले अंतरिक्ष यात्रियों की सूची | |||
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Sr.No | Astronaut Name | Mission | Date |
01 | Neil Armstrong | Apollo 11 | July 20, 1969 |
02 | Buzz Aldrin | ||
03 | Charles "Pete" Conrad | Apollo 12 | November 19, 1969 |
04 | Alan L. Bean | ||
05 | Alan B. Shepard | Apollo 14 | February 5, 1971 |
06 | Edgar D. Mitchell | ||
07 | David R. Scott | Apollo 15 | July 30, 1971 |
08 | James B. Irwin | ||
09 | John W. Young | Apollo 16 | April 21, 1972 |
10 | Charles M. Duke | ||
11 | Eugene A. Cernan | Apollo 17 | December 11, 1972 |
12 | Harrison H. Schmitt |
दोस्तों, आपकी जानकारी के लिए बता दें - अपोलो के कुल 11 मिशन हुए थे। जिनमें 27 अंतरिक्ष यात्रियों ने चंद्रमा की यात्रा की। उन 27 यात्रियों में से 24 यात्रियों ने चंद्रमा की परिक्रमा की। केवल 12 अंतरिक्ष यात्रियों ने ही चांद की सतह पर कदम रखा।
दोस्तों, अब हम आपको नीचे चांद पर कदम रखने वाले सभी अंतरिक्ष यात्रियों के बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं।
चांद पर कदम रखने वाले पहले अंतरिक्ष यात्री - नील आर्मस्ट्रांग
मानव इतिहास में पहली बार चांद पर ऐतिहासिक कदम रखने वाले अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग थे। उन्होंने नासा के अपोलो 11 मिशन के दौरान 20 जुलाई 1669 को चंद्रमा पर कदम रखा। चंद्रमा की यात्रा के बाद नील आर्मस्ट्रांग को Presidential Medal of Freedom का पुरस्कार दिया गया।
दोस्तों जब पहली बार नील आर्मस्ट्रांग ने चांद पर कदम रखा तो उन्होंने कहा :
यह मनुष्य के लिए एक छोटा कदम है, मानव जाति के लिए एक बड़ी छलांग है।
दोस्तों नील आर्मस्ट्रांग का जन्म 5 अगस्त सन 1930 को अमेरिका के Wapakoneta में हुआ था। उनके बारे में एक प्रसिद्ध बात यह है कि, गाड़ी चलाने के लाइसेंस से पहले उनका पायलट का लाइसेंस बन गया था। क्योंकि उनमें उड़ान और अंतरिक्ष के बारे में एक अतृप्त जिज्ञासा थी।
नील आर्मस्ट्रांग अपोलो 11 के कमांडर बने और चांद की यात्रा कर चांद पर पहला कदम रखने का गौरव प्राप्त किया। 82 वर्ष की आयु में 25 अगस्त 2012 को उनकी मृत्यु हो गई थी।
चांद पर कदम रखने वाले दूसरे अंतरिक्ष यात्री - बज़ एल्ड्रिन
बज़ एल्ड्रिन, अमेरिका के एक प्रसिद्ध अंतरिक्ष यात्री और इंजीनियर थे। इनका पूरा नाम एडविन यूजीन एल्ड्रिन है। इन्होंने अपोलो 11 मिशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। अपोलो 11 मिशन के दौरान वह चंद्रमा पर कदम रखने वाले पहले दो मनुष्यों में से एक बने।
दोस्तों 20 जुलाई 1969 को बज़ एल्ड्रिन, नील आर्मस्ट्रांग के साथ चंद्र मॉड्यूल "ईगल" में चंद्रमा की सतह पर उतरे। नील आर्मस्ट्रांग के चंद्रमा पर कदम रखने के बाद इन्होंने चंद्रमा की सतह पर कदम रखा। इसी के साथ चंद्रमा पर कदम रखने वाले बहुत दूसरे अंतरिक्ष यात्री बन गए। नील आर्मस्ट्रांग के साथ उन्होंने अंतरिक्ष यान के बाहर लगभग ढाई घंटे बिताए।
चांद पर कदम रखने वाले तीसरे अंतरिक्ष यात्री - चार्ल्स "पीट" कॉनराड
चार्ल्स "पीट" कॉनराड, अमेरिका के एक बेहद निपुण अंतरिक्ष यात्री थे। इन्होंने NASA में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इनका पूरा नाम चार्ल्स पीटर कॉनराड है।
इन्हें सन 1962 में नासा द्वारा एक अंतरिक्ष यात्री के रूप में चुना गया था। इन्होंने विभिन्न मिशनों में भाग लिया। हालांकि उनकी सबसे यादगार उपलब्धि मिशन अपोलो के दौरान सामने आई; जब उन्होंने अपोलो 12 की कमान संभाली। अपोलो 12 चंद्रमा पर उतरने वाला छठा क्रू मिशन था। 14 नवंबर 1969 को कॉनराड, एलन एल. बीन के साथ चंद्र मॉड्यूल "इंट्रेपिड" में चंद्रमा की सतह पर उतरे। इसके पश्चात ही चंद्रमा की सतह पर कदम रखने वाले यह तीसरे अंतरिक्ष यात्री बन गए।
चंद्रमा की सतह पर कदम रखते समय इन्होंने भी कुछ हल्के-फुल्के शब्द कहें :
व्हूपी! यार, नील के लिए यह छोटा हो सकता है, लेकिन मेरे लिए यह बहुत लंबा है।
चंद्रमा की यात्रा से वापस आने के पश्चात उन्होंने नासा में अपना योगदान देना शुरू रखा। दुखद रूप से 8 जुलाई 1999 को एक मोटरसाइकिल दुर्घटना में उनका निधन हो गया।
चांद पर कदम रखने वाले चौथे अंतरिक्ष यात्री - एलन एल. बीन
एलन एल. बीन, न केवल अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री बल्कि; नौसैनिक एविएटर और चित्रकार भी थे। इन्होंने नासा के अपोलो 12 मिशन के दौरान नवंबर 1969 चंद्र मॉड्यूल पायलट के रूप में चंद्रमा की यात्रा की। चार्ल्स "पीट" कॉनराड के साथ चंद्रमा की सतह पर उतरे। पश्चात, चांद पर कदम रखने वाले वह चौथे अंतरिक्ष यात्री बन गए।
दोस्तों बीन ने दो बार अंतरिक्ष में उड़ान भरी। पहली बार नवंबर1669 में अपोलो 12 मिशन और दूसरी अंतरिक्ष उड़ान 1973 में स्काईलैब 3 मिशन के दौरान।
चांद की सतह पर चार्ल्स "पीट" कॉनराड के साथ इन्होंने 7 घंटे से अधिक समय बिताया और चंद्रमा के कई सारे इलाकों की खोज की।
चांद पर कदम रखने वाले पांचवें अंतरिक्ष यात्री - एलन बी. शेपर्ड
एलन बी. शेपर्ड, एक अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री और नौसैनिक एविएटर थे। इनका पूरा नाम एलन बार्टलेट शेपर्ड है। इनका जन्म18 नवंबर 1923 को East Derry, New Hampshire में हुआ था।
दोस्तों शेपर्ड, भले ही चांद पर कदम रखने वाले पांचवें अंतरिक्ष यात्री हो। लेकिन इससे पूर्व उन्होंने Mercury-Redstone 3 Mission के दौरान फ्रीडम 7 अंतरिक्ष यान का संचालन किया। जिसे MR-3 के नाम से भी जाना जाता है। वह अंतरिक्ष में 15 मिनट से अधिक समय बिताते हुए; 116 मील की अधिकतम ऊंचाई और 5,180 मील प्रति घंटे की अधिकतम गति तक पहुँच गए थे। शेपर्ड की इस सफलता ने उन्हें राष्ट्रीय नायक बना दिया। उन्हें NASA Distinguished Service Medal और Congressional Space Medal of Honor सहित कई पुरस्कार दिए गए।
इसके पश्चात उन्होंने 1971 में अपोलो 14 के कमांडर के रूप में चंद्रमा की यात्रा की। चंद्रमा की सतह पर उतरने वाले वह पांचवें अंतरिक्ष यात्री बन गए। अपोलो 14 के मिशन के दौरान उन्होंने चंद्रमा की सतह खोज में लगभग 9 घंटे बिताए।
चांद पर कदम रखने वाले छठे अंतरिक्ष यात्री - एडगर डी. मिशेल
एडगर डी. मिशेल, अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री और नौसेना अधिकारी थे। उनका पूरा नाम एडगर डीन मिशेल है। उनका जन्म 17 सितंबर 1930 को Hereford, Texas में हुआ था। यह चांद पर कदम रखने वाले छठे अंतरिक्ष यात्री थे।
मिशेल ने चंद्रमा की यात्रा फरवरी 1971 में सहयोगी अंतरिक्ष यात्री शेपर्ड के साथ अपोलो 14 मिशन के दौरान की। वह इस मिशन में चंद्र मॉड्यूल पायलट के रूप में चंद्रमा के Fra Mauro Highlands पर उतरे। पश्चात चांद पर कदम रखने वाले छठे अंतरिक्ष यात्री बन गए। उन्होंने चंद्रमा पर चट्टान और मिट्टी के नमूने एकत्र करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जिस वजह से चंद्रमा के भू-वैज्ञानिक इतिहास में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान की गई।
दोस्तों मिशेल ने Institute of Noetic Sciences की स्थापना की। जो विज्ञान और आध्यात्मिकता के बीच संबंध की खोज के लिए समर्पित एक संगठन है।
चांद पर कदम रखने वाले सातवें अंतरिक्ष यात्री - डेविड आर. स्कॉट
डेविड आर. स्कॉट का पूरा नाम डेविड रैंडोल्फ स्कॉट है। यह एक निपुण अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री है। इन्हें हम अपोलो मिशन में उनके योगदान और उल्लेखनीय अंतरिक्ष उड़ान करियर के लिए जानते हैं। इनका जन्म 6 जून 1932 को San Antonio, Texas में हुआ।
स्कॉट, की सबसे उल्लेखनीय उपलब्धियां NASA में अंतरिक्ष यात्री के रूप में देखने को मिली। उन्हें 1963 में एक अंतरिक्ष यात्री के रूप में चुना गया। उन्होंने तीन अंतरिक्ष उड़ानों में भाग लिया। उनका पहला मिशन1966 में जेमिनी 8 के पायलट के रूप में था। दूसरा मिशन अपोलो 9 के कमांड मॉड्यूल पायलट के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इसके पश्चात उन्होंने 1971 में चौथे क्रू चंद्र लैंडिंग मिशन अपोलो 15 की कमान संभाली। इस मिशन के दौरान वह और अपने सहयोगी अंतरिक्ष यात्री जेम्स बी. इरविन के साथ चंद्रमा की यात्रा कर चांद पर कदम रखने वाले सातवें अंतरिक्ष यात्री बन गए। इस मिशन के दौरान उन्होंने भू-वैज्ञानिक प्रयोग करने के लिए चंद्रमा के चट्टानों के नमूने एकत्रित किए।
चांद पर कदम रखने वाले आठवें अंतरिक्ष यात्री - जेम्स बी. इरविन
जेम्स बी. इरविन का पूरा नाम जेम्स बेन्सन इरविन था। यह एक अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री थे। इन्होंने अपोलो मिशन के दौरान अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। इनका जन्म 17 मार्च 1930 को Pittsburgh, Pennsylvania में हुआ। नासा में शामिल होने से पूर्व वह सैन्य में थे। इरविन को 1966 में एक अंतरिक्ष यात्री के रूप में चुना गया। पश्चात उन्होंने अपोलो मिशन में भाग लिया।
अपोलो मिशन के दौरान इरविन का सबसे उल्लेखनीय मिशन 1971 में अपोलो 15 था। क्योंकि उन्होंने मिशन के कमांडर डेविड आर. स्कॉट के साथ चंद्र मॉड्यूल पायलट के रूप में कार्य किया था। इस मिशन के दौरान इरविन ने स्कॉट के साथ चंद्रमा के हेडली-एपेनाइन क्षेत्र में 3 मूनवॉक का आयोजन किया। इसके पश्चात् चांद पर कदम रखने वाले यह आठवी अंतरिक्ष यात्री बने थे।
दोस्तों अपोलो 15 एक अग्रणी मिशन था। इस मिशन में चंद्र खोज की वैज्ञानिक क्षमताओं को बढ़ाया गया और अपोलो 15 चंद्र रोवर ले जाने वाला पहला मिशन था।
इस मिशन के दौरान उन्होंने भू-वैज्ञानिक प्रयोग के लिए चंद्र के अनेक नमूने एकत्र किए। इसी के साथ नए उपकरणों और चंद्र रोवर का परीक्षण भी किया।
चांद पर कदम रखने वाले नौवें अंतरिक्ष यात्री - जॉन डब्ल्यू. यंग
जॉन डब्ल्यू. यंग का पूरा नाम जॉन वाट्स यंग था। यह अमेरिका के बेहद निपुण अंतरिक्ष यात्रियों में से एक थे। 24 सितंबर 1930 को San Francisco, California में इनका जन्म हुआ। इन्होंने नासा के अंतरिक्ष मिशनों में महत्वपूर्ण योगदान दिया। यह अमेरिकी इतिहास में सबसे अनुभवी अंतरिक्ष यात्रियों में से एक रहे हैं।
यंग ने 1962 में नासा में प्रवेश किया और यह पहले व्यक्ति बने जिन्होंने 6 बार अंतरिक्ष में उड़ान भरी। यंग के लिए उनके जीवन का ऐतिहासिक पल तब था; जब उन्होंने 1972 में अपोलो 16 मिशन के दौरान मिशन के कमांडर बने। इन्होंने अपने सहयोगी अंतरिक्ष यात्री चार्ल्स एम. ड्यूक के साथ चंद्रमा की सतह पर तीन मूनवॉक किया। इसके पश्चात वह चांद पर कदम रखने वाले 9वें अंतरिक्ष यात्री बन गए।
अपोलो 16 मिशन के दौरान उन्होंने चंद्रमा पर डेसकार्टेस हाइलैंड्स की खोज, भूवैज्ञानिक नमूने एकत्र करने और प्रयोगों का संचालन करने में 20 घंटे से अधिक समय बिताया।
चांद पर कदम रखने वाले दसवें अंतरिक्ष यात्री - चार्ल्स एम. ड्यूक
चार्ल्स एम. ड्यूक का पूरा नाम चार्ल्स मॉस ड्यूक था। यह अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री थे। जिन्होंने अंतरिक्ष खोज के इतिहास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। 3 अक्टूबर 1935 को नॉर्थ कैरोलिना के चार्लोट में इनका जन्म हुआ। 1966 में एजेंसी द्वारा चुने गए अंतरिक्ष यात्रियों के पांचवें समूह के हिस्से के रूप में वह NASA में शामिल हुए थे।
चंद्रमा पर मनुष्य उतारने वाला अपोलो 16 यह पांचवा मिशन था। इस मिशन के लिए चार्ल्स, चंद्र मॉड्यूल पायलट के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे। यह मिशन अप्रैल 1972 में हुआ था। मिशन के कमांडर जॉन यंग के साथ इन्होंने चंद्रमा की सतह पर लगभग 3 दिन बिताए। चांद पर कदम रखने वाले यह दसवें अंतरिक्ष यात्री बन गए।
अपने ऐतिहासिक चंद्र मिशन के बाद, ड्यूक ने अपोलो 17 के लिए बैकअप चंद्र मॉड्यूल पायलट के रूप में काम किया और बाद में अंतरिक्ष शटल कार्यक्रम के विकास में भूमिका निभाई।
चांद पर कदम रखने वाले ग्यारहवें अंतरिक्ष यात्री - यूजीन ए. सेर्नन
यूजीन ए. सर्नन का पूरा नाम यूजीन एंड्रयू सेर्नन था। यह अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री थे। इनका जन्म 14 मार्च 1934 को शिकागो, इलिनोइस में हुआ। 1963 में उन्हें एक अंतरिक्ष यात्री के रूप में चुना गया। अपने जीवन में इन्होंने नासा के साथ तीन अंतरिक्ष उड़ान मिशन में अपना योगदान दिया।
सर्नन का सबसे यादगार मिशन अपोलो 17 था; जो दिसंबर 1972 में हुआ। इस मिशन के दौरान उन्होंने कमांडर के रूप में कार्य किया। अपने सहयोगी अंतरिक्ष यात्री हैरिसन श्मिट के साथ टॉरस-लिट्रो चंद्र घाटी में 3 मूनवॉक का संचालन करते हुए, चांद की सतह पर कदम रखने वाले वह 11वें अंतरिक्ष यात्री बन गए।
अपोलो 17 से पहले, सर्नन ने अपोलो 10 पर चंद्र मॉड्यूल पायलट के रूप में उड़ान भरी थी, जहां उन्होंने और उनके साथियों ने पहली चंद्र लैंडिंग के लिए ड्रेस रिहर्सल किया था।
अपोलो 17 विभिन्न मायनों में एक रिकॉर्ड-सेटिंग मिशन था। यह अंतिम मिशन था; जिसके दौरान मनुष्य चांद पर कदम रख रहा था। अंतिम अपोलो चंद्र लैंडिंग के पश्चात चंद्र की सतह से निकलते समय सर्नन कुछ अंतिम शब्द कहे :
हम जैसे आए थे वैसे ही चले जाते हैं, और, भगवान की इच्छा से, हम सभी मानव जाति के लिए शांति और आशा के साथ वापस लौटेंगे।
चांद पर कदम रखने वाले बारहवें अंतरिक्ष यात्री - हैरिसन एच. श्मिट
हैरिसन एच. श्मिट का पूरा नाम हैरिसन हेगन श्मिट है। वह अमेरिकी भूविज्ञानी तथा पूर्व अंतरिक्ष यात्री थे। 3 जुलाई 1935 को सांता रीटा, न्यू मैक्सिको में इनका जन्म हुआ। 1965 में अंतरिक्ष यात्रियों के पांचवें समूह में वह नासा के अंतरिक्ष यात्री के रूप में चुने गए। उन्हें चंद्रमा पर किए जाने वाले एकमात्र भूवैज्ञानिक होने के लिए जाना जाता है।
अपोलो 17 मिशन के दौरान, दिसंबर 1972 में उन्होंने चांद पर लैंडिंग किए जाने वाले अंतिम मिशन में अपना योगदान दिया। इस मिशन के लिए वह चंद्र मॉडल पायलट और भूवैज्ञानिक के रूप में मिशन के कमांडर यूजीन सेर्नन के साथ टॉरस-लिट्रो घाटी में तीन मूनवॉक का संचालन करते हुए चांद पर कदम रखने वाले अंतिम (12वें) अंतरिक्ष यात्री बन गए।
अपने अंतरिक्ष करियर के बाद, श्मिट ने राजनीति की ओर रुख किया। 1977 से 1983 तक न्यू मैक्सिको से अमेरिकी सीनेटर के रूप में कार्य किया। सीनेट में उनके कार्यकाल में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष नीति से संबंधित कार्य शामिल थे।
तो दोस्तों ऊपर हमने आपको चांद पर कदम रखने वाले सभी अंतरिक्ष यात्रियों के बारे में संपूर्ण जानकारी एवं सूची दी है। यकीनन यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी।
उम्मीद करते हैं दोस्तों, हमारे द्वारा दी गई जानकारी आप सभी दोस्तों को बेहद पसंद आई होगी और इसे आप अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर जरूर साझा करेंगे। इसी के साथ कमेंट बॉक्स में दी गई जानकारी के बारे में अपनी राय जरूर देंगे। क्योंकि, दोस्तों कमेंट बॉक्स आपका ही है।
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